Tuesday, January 22, 2008

चंद एक त्रिवेणियां.............

1.भूख से मरा था वो इसी चौराहे पर,
आज सत्ता के इस बदरंग दोराहे पर,

लाल-सलाम का विजय-जुलूस निकला है.

2.खुदा का ठेकेदार मैं खुदा हूँ
सबसे ऊपर और जुदा हूँ,

तुम्हारी सांसे मैं तय करूंगा.

10 comments:

रंजू भाटिया said...

बहुत खूब लिखी है यह दोनों आपने !!

mehek said...

bahut badhiya khas kar khudawala.

आशीष "अंशुमाली" said...

भूख से मरा था वो इसी चौराहे पर,
आज सत्ता के इस बदरंग दोराहे पर,
लाल-सलाम का जुलूस निकला है.

सुन्‍दर है।

Neelima G said...

I m nt getting words to say anythign right now. U always write things which have no comparision.

Neelima

Keerti Vaidya said...

very true words

Poonam Agrawal said...

khuda ka thekedaar main khuda hun,
sabse uper aur juda hun.
tumhaaree saase main taya karunga..
sashakt panktiyan hai.
sahaj abhivyakty hai....

Poesy Child Keya said...

aap bahut achha likhtey hain
may god bless ya

रश्मि प्रभा... said...

तुम्हारी सांसे मैं तय करूंगा........
क्रांति के बीज तभी पड़ते हैं
नई सुबह हवाओं मे गुनगुनाती है..........

आज के परिप्रेक्ष्य में सही लिखा,प्रशंसनिए

Advocate Rashmi saurana said...

sahi baat ko bhut kam shabdo me kah diya aapne.

masoomshayer said...

खुदा का ठेकेदार मैं खुदा हूँ
सबसे ऊपर और जुदा हूँ,

तुम्हारी सांसे मैं तय करूंगा.

YE ZYADA ACHEE LAGEE

masoomshayer anil