Sunday, April 29, 2007

'खामोशी'

खमोशी का भी एक
अलग सुरूर है,
पर ऐसे मे
आपका दिल
आपकी बात सुने.
तो उनका बाद मे
आना भी मंजूर है.
पर इस दिल को
समझाऊं कैसे,
उनकी याद मे
मचलता ज़रूर है.
मैं, मेरा दिल
और ये खामोशी
आपके इन्तज़ार मे हज़ूर है.

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